श्रीमद् देवी भागवत पुराण, ४ स्कंद
जनमेजय और व्यास जी के अवतार विषयक प्रश्नोत्तर, कश्यप जी को वरुण तथा ब्रह्मा जी का शाप, दिति को अदिति का शाप |
Janmejay questions Vyasji regarding Krishna avtar , Kashyap ji receive various curses from Varun Devta and Brahma ji. Diti curses Aditi.
जनमेजय के पूछने पर व्यासजी द्वारा माया की महिमा का कथन ।
Vyasji narrates the greatness of Maya
श्री नर नारायण को तप से डिगने में इंद्र की असफलता और इंद्र द्वारा वसंत, अप्सराओं तथा कामदेव को वहां भेजना , नारायण द्वारा उर्वसी अदि की उत्पत्ति , नारायण का अप्सराओं से संवाद |
Nar Narayan perform ta[asya while Indra fails to dissuade them, Vasant, Kamdev and Apsaras arrive to test, Urvasi is born , Narayan's converstaion with Apsara.
नारायण से नर की बातचीत , च्यवन प्रह्लाद का संवाद,, प्रह्लाद का नैमिष आरण्य गमन , तथा प्रह्लाद का नारायण का युद्ध।
Nar Narayan conversation, Chyavan Prahlad conversation, Prahlad goes to Naimish forest, Prahlad battles with Narayan.
देवताओं के साथ दैत्यों का युद्ध , हारे हुए दैत्यों को शुक्राचार्य का अभयदान, शंकर की तपस्या , देवताओं का दैत्यों पर आक्रमण, दैत्यों का शुक्र माता के पास जाना, शुक्रमाता द्वारा देवताओं को निन्द्रावश कर देना, भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से शुक्र माता का वध।
Devta and Daitya struggle, lost daitya seek refuge with Acharya Shukr. Shankars tap, Devta attack Daitya, Shukr Mata puts all Devta to sleep, Bhagwan Vishnu uses Sudarshan chakra.
भगवान विष्णु को ऋषि भृगु का शाप, शुक्र माता का पुनर्जीवन, इंद्र कन्या जयंती द्वारा शुक्राचार्य की सेवा, बृहस्पति दैत्यगुरु का रूप ले कर छलते हैं, दैत्यों द्वारा शुक्राचार्य का तिरिस्कार , शुक्राचार्य दैत्यों को शाप, दैत्यों का पुनः शुक्राचार्य की शरण में जाना तथा शुक्राचार्य का प्रसन्न होना।
Rishi Bhrigu curses Bhagwan Vishnu, Shukramata is reborn, Jayanti pleases Shukracharya, Brihaspati tricks Daitya.
देव दानव युद्ध तथा जगदम्बिका द्वारा युद्ध का निराकरण।
Dev Danav battle is resolved by Jagdambika.
जनमेजय के पूछने पर व्यासजी भगवान के अवतारों का विवरण करते हैं तथा नारायण के आश्रम पर आयी हुई अप्सराओं का पूर्व वृतांत।
Description of Bhagwan Avtar, Back story of Apsaras.
भाराक्रांत पृथ्वी का भगवान की शरण जाना , योगमाया का आश्वासन देना।
Burdened Prithvi (Earth) goes for protection, Devi Yogmaya gives her assurance.
देवी की महिमा का वर्णन तथा श्री कृष्णावतार के कथा प्रसंग में वासुदेव की बुद्धिमत्ता से देवकी की कंस की तलवार से रक्षा, देवकी के बालक की कंस द्वारा हत्या।
Greatness of the Goddess. In the story of Shree Krishna Avtar Vasudev's quick wit and presence of mind saves Devki from Kans however Devki's six children are murdred by Kans.
कंस के द्वारा देवकी के छः बालकों के पूर्व जन्मों की कथा तथा देवताओं और दैत्यों के अंशवतारों का वर्णन।
Who were Devikis children in thier past life, names of Devta and Daityas who incaranted in parts during this time.
श्री कृष्ण का कारागार में अवतरण, वासुदेव के द्वारा श्री कृष्णा को नन्द भवन पहुँचाना , योगमाया के द्वारा कंस को चेतावनी , नवजात शिशुओं को मारने के लिए कंस का राक्षसों को आदेश , श्री कृष्णावतार की संक्षिप्त कथा, नन्दोसत्व से ले कर प्रद्युम्न के जन्म तक की कथा।
Shree Krishna Avtar in a prison, Vasudev transfers baby Krishna to Nanda, Yogmaya alerts Kans , Kans orders Rakshashas to murder all new born in the region,
श्री कृष्ण का शिव जी की प्रसन्नता के लिए तप करना व शिवजी द्वारा श्री कृष्ण को वरदान ।
Shree Krishna pleases Lord Shiv and receive his blessing.
।।ॐ दुम दुर्गायै नमः ।।
।। ॐ नमः शिवाय ।।
श्री देवी भागवत पुराण ५ स्कन्द
References: The reading is from the classical literature "Shreemad Devi Bhagwat Puran by Ved Vyas" Published by Geetapress, Gorakhpur, for purchasing the book in hindi or other questions please contact: _____________________.